Suzlon Energy में 2025 में FIIs और म्यूचुअल फंड्स ने हिस्सेदारी घटाई है, लेकिन कंपनी के ऑपरेशन और ऑर्डर बुक में मजबूत ग्रोथ दिख रही है। इस वजह से शेयर प्राइस कमजोर दिख रहा है, जबकि फंडामेंटल साइड पर कई पॉज़िटिव डेटा भी मौजूद हैं।
2025 में Suzlon के शेयर की चाल
कैलेंडर ईयर 2025 में Suzlon Energy का शेयर लगभग 12 प्रतिशत YTD गिरा है, साल की शुरुआत के करीब 62 रुपये से फिसलकर लगभग 55 रुपये के आसपास आ गया। पिछले एक साल और हाल के 3–6 महीने में भी स्टॉक ने broader market जैसे Sensex के मुकाबले अंडरपरफॉर्म किया है, जिससे वैल्यूएशन और मोमेंटम पर सवाल उठे हैं। तकनीकी तौर पर शेयर अपनी कई simple moving averages के नीचे ट्रेड कर रहा है और 14-day RSI लगभग 45 के न्यूट्रल ज़ोन में है, जो शॉर्ट टर्म कमजोरी का संकेत देता है।
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FIIs और म्यूचुअल फंड्स ने हिस्सेदारी क्यों घटाई
सितंबर 2025 क्वार्टर तक Foreign Institutional Investors की हिस्सेदारी लगभग 23.02% से घटकर करीब 22.70% पर आ गई, जबकि म्यूचुअल फंड्स की होल्डिंग 5.24% से घटकर करीब 4.91% के आसपास आंकी गई है। इन्वेस्टर्स का एक कारण यह है कि स्टॉक ने पिछले दो साल में मल्टीबैगर रिटर्न दिए थे, जिससे कई बड़े संस्थागत इन्वेस्टर्स ने प्रॉफिट बुकिंग की और पोज़िशन ट्रिम की। इसके अलावा कुछ रिपोर्ट्स में हाई वैल्यूएशन, मार्जिन प्रेशर और execution risk जैसे फैक्टर्स को भी highlight किया गया है, जिसकी वजह से institutions ने exposure थोड़ा reduce किया।
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Suzlon energy के ताज़ा नतीजे
फाइनेंशियल साल 2025–26 के हालिया Q2 में Suzlon Energy ने profit में तेज उछाल दिखाया है, कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार प्रॉफिट में 500 प्रतिशत से ज्यादा की Y-o-Y ग्रोथ दर्ज हुई है। इस क्वार्टर में कंपनी ने लगभग 565 MW की रिकॉर्ड डिलिवरी की, जो साल-दर-साल आधार पर 120 प्रतिशत से ज्यादा ग्रोथ दिखाती है। Suzlon की ऑर्डर बुक लगभग 6.2 GW तक पहुंच गई है, जिसमें FY26 की पहली छमाही में ही लगभग 2 GW से ज्यादा नए ऑर्डर जुड़ चुके हैं, जो आने वाले सालों की रेवेन्यू विजिबिलिटी दिखाते हैं।
बैलेंस शीट, मार्जिन
कंपनी ने पिछले चार क्वार्टर्स से लगातार 10 प्रतिशत से ऊपर की ऑपरेटिंग मार्जिन बनाए रखा है, जो cost control और बेहतर execution का संकेत है। कुछ एनालिसिस के मुताबिक Suzlon Energy का trailing P/E multiple लगभग 38–40 गुना के रेंज में बताया गया है, जिसे कई market experts elevated या प्रीमियम वैल्यूएशन मानते हैं। इसके साथ ही Suzlon energy ने net cash पोज़िशन में भी सुधार दिखाया है और सितंबर 2025 के आसपास लगभग 1,400–1,500 करोड़ रुपये के net cash balance का अनुमान दिया गया है, जिससे leverage risk पहले के मुकाबले कम हुआ है।
अब क्या करें निवेशक?
एनालिस्ट रिपोर्ट्स के अनुसार Suzlon Energy पर broader consensus अभी भी positive या strong buy ज़ोन में दिखाया गया है और कुछ फोरकास्ट मॉडल लगभग 30–35 प्रतिशत तक की theoretical upside पॉसिबिलिटी दिखाते हैं, हालांकि ये गारंटीड रिटर्न नहीं हैं। दूसरी तरफ शेयर की हाल की गिरावट, हाई वैल्यूएशन और institutions द्वारा हिस्सेदारी घटाने से short term में वोलैटिलिटी और downside risk बना रह सकता है, जिसे हर निवेशक को अपने risk profile, investment horizon और asset allocation के हिसाब से खुद analyse करना पड़ता है।
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