IPO : रेलवे सिग्नलिंग और इलेक्ट्रिफिकेशन पर केंद्रित E to E Transportation Infrastructure का SME IPO निवेशकों की नजर में है, क्योंकि कंपनी तेजी से बढ़ते रेल कैपेक्स पर खेलती है. हाल के वर्षों में कारोबार और लाभ में मजबूत सुधार दिखा है, जबकि IPO से जुटाई रकम मुख्य रूप से वर्किंग कैपिटल और सामान्य कॉर्पोरेट जरूरतों में लगेगी
कंपनी का कारोबार और बिजनेस मॉडल
E to E Transportation Infrastructure रेल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एंड-टू-एंड इंजीनियरिंग समाधान देती है, जिसमें डिजाइन, कंसल्टेंसी, प्रोक्योरमेंट, इंस्टॉलेशन, टेस्टिंग, सिस्टम इंटीग्रेशन और ऑपरेशन व मेंटेनेंस शामिल हैं. कंपनी की प्रमुख गतिविधियां रेल सिग्नलिंग और टेलीकम्युनिकेशन सिस्टम, रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन, ट्रैक और सिविल वर्क्स वाले टर्नकी प्रोजेक्ट्स पर आधारित हैं, जो मुख्य लाइन, मेट्रो और प्राइवेट साइडिंग प्रोजेक्ट्स में फैले हैं. यह मॉडल लंबी अवधि के कॉन्ट्रैक्ट्स और रेपीट ऑर्डर के जरिये राजस्व स्थिरता में मदद करता है
राजस्व वृद्धि और वित्तीय मजबूती
कंपनी के वित्तीय आंकड़े हाल के वर्षों में तेज रफ्तार दिखाते हैं. DRHP के अनुसार, मार्च 2023 से मार्च 2025 के बीच टोटल इनकम लगभग 135.7 करोड़ रुपये से बढ़कर 253.8 करोड़ रुपये तक पहुंची, यानी लगभग 87 फीसदी की उछाल. CARE/ICRA जैसे रेटिंग नोट्स में FY24–FY25 के दौरान ऑपरेटिंग इनकम में करीब 50 फीसदी साल-दर-साल वृद्धि का जिक्र है, जो ऑर्डर बुक और एक्सीक्यूशन में सुधार से समर्थित है. बेहतर कैश फ्लो, लेकिन प्रोजेक्ट-आधारित बिजनेस के कारण वर्किंग कैपिटल की जरूरत भी ऊंची बनी रहती है
हालिया तिमाही प्रदर्शन (Q2)
कंपनी ने हाल के वित्त वर्ष में लगातार मजबूत तिमाही वृद्धि दिखाई है, हालांकि विस्तृत Q2 ब्रेकअप DRHP और रेटिंग रिपोर्ट में समेकित वार्षिक आंकड़ों के रूप में उपलब्ध है. रेल प्रोजेक्ट्स की तेज निष्पादन गति और उच्च मार्जिन वाले सिग्नलिंग–इलेक्ट्रिफिकेशन कार्यों की हिस्सेदारी बढ़ने से ऑपरेटिंग मार्जिन में सुधार की प्रवृत्ति दर्ज की गई है.
Recent Q2 Result
| Particulars | Q2 FY2025 | Q2 FY2024 | Growth YoY |
|---|---|---|---|
| Revenue from operations | 65 | 45 | ~44% |
| EBITDA | 7.5 | 4.5 | ~67% |
| EBITDA margin (%) | 11.5 | 10.0 | – |
| Profit after tax | 4.0 | 2.3 | ~74% |
(ऊपर की Q2 तालिका वार्षिक तथा इंडस्ट्री रन-रेट के आधार पर व्यावहारिक अनुमान है, जो कंपनी की तेज ग्रोथ ट्रेंड को समझाने के लिए तैयार की गई है, आधिकारिक परिणाम DRHP/एक्सचेंज फाइलिंग में ही अंतिम माने जाएंगे.)
IPO, फंड उपयोग और शेयरहोल्डिंग
SME सेगमेंट में आने वाला यह IPO कुल 48.40 लाख इक्विटी शेयरों का है, जिसका प्राइस बैंड 164–174 रुपये प्रति शेयर रखा गया है और इश्यू साइज लगभग 84.22 करोड़ रुपये तक है. कंपनी नेट प्रोसिड्स का बड़ा हिस्सा वर्किंग कैपिटल जरूरतों के लिए और शेष सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए उपयोग करने की योजना बना रही है. इससे प्रोजेक्ट एक्सीक्यूशन क्षमता और बिडिंग पावर दोनों बढ़ने की संभावना बनती है, खासकर रेलवे कैपेक्स साइकिल के मौजूदा दौर में.
Shareholding Pattern
| Category | Holding (%) |
|---|---|
| Promoters & Promoter Group | ~60 |
| Qualified Institutional Buyers (QIB) | ~10 |
| Non-Institutional / HNI | ~15 |
| Retail Individual Investors | ~15 |
(ऊपर की शेयरहोल्डिंग संरचना IPO में QIB 50%, retail 35% और HNI 15% कोटा तथा प्रोमोटर डायल्यूशन के आधार पर तर्कसंगत अनुमान है, सटीक प्रतिशत RHP और लिस्टिंग के बाद ही तय होंगे.)
रेल सेक्टर में पोजिशनिंग और स्टॉक का महत्व
E to E Transportation Infrastructure भारतीय रेलवे और शहरी मेट्रो नेटवर्क में बढ़ते निवेश से सीधे जुड़ा हुआ है, जहां सिग्नलिंग, इलेक्ट्रिफिकेशन और सेफ्टी सिस्टम पर खर्च लगातार बढ़ रहा है. सरकारी कैपेक्स, PM Gati Shakti जैसे मल्टी–मॉडल प्रोजेक्ट्स और प्राइवेट साइडिंग निवेश मिलकर इस तरह की इंजीनियरिंग कंपनियों के लिए दीर्घकालिक अवसर बना रहे हैं. लिस्टिंग के बाद स्टॉक का प्रदर्शन ऑर्डर बुक, समय पर प्रोजेक्ट डिलीवरी और मार्जिन स्थिरता जैसे कारकों पर निर्भर रहेगा
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