Vodafone Idea Share Price Target : Vodafone Idea में पिछले कुछ क्वार्टर में रेवेन्यू, ARPU और नेटवर्क एक्सपैंशन में सुधार दिखा है, लेकिन कंपनी अभी भी भारी कर्ज़ और लॉस के बोझ में है, इसलिए शेयर में हाई रिस्क के साथ हाई रिटर्न की संभावना मानी जा सकती है। अगले 5 सालों में शेयर का प्रदर्शन काफी हद तक 5G रोलआउट, टैरिफ हाइक, AGR/कर्ज़ रिस्ट्रक्चरिंग और फंड रेज़िंग की सफलता पर निर्भर रहने वाला है।
Vodafone Idea की लेटेस्ट परफॉर्मेंस
Q2 FY26 (जुलाई–सितंबर 2025) में Vodafone Idea का कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू लगभग ₹11,190 करोड़ के आसपास रहा, जिसमें साल-दर-साल करीब 2.4% की ग्रोथ दिखी। इसी तिमाही में कंपनी का नेट लॉस घटकर लगभग ₹5,580 करोड़ तक आ गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में लॉस लगभग ₹7,170 करोड़ के आसपास था, यानी लॉस में लगभग 22% के आसपास सुधार देखने को मिला।business-standard+1
Vodafone Idea का ARPU (Average Revenue Per User) Q2 FY26 में ₹180 रहा, जो Q2 FY25 के ₹166 के मुकाबले लगभग 8.7% की सालाना बढ़त दिखाता है, जो टैरिफ हाइक और हाई वैल्यू सब्सक्राइबर ऐड होने का संकेत है। कंपनी ने 4G/5G सब्सक्राइबर बेस को बढ़ाकर लगभग 127–128 मिलियन तक पहुंचाया और 4G नेटवर्क कवरेज को देश की आबादी के करीब 84% से ज्यादा हिस्से तक एक्सपैंड किया है।
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डेब्ट, AGR और कैपेक्स प्लान
Vodafone Idea पर सितंबर 2025 तक कुल कर्ज़ लगभग ₹2.02 लाख करोड़ के आसपास बताया जा रहा है, जिसमें बड़ा हिस्सा AGR और स्पेक्ट्रम देनदारियों से जुड़ा है। कंपनी की AGR देनदारी (ब्याज़ सहित) लगभग ₹78,000 करोड़ के करीब है, जिसकी किस्तें मार्च 2031 तक चुकानी हैं, जबकि नेट वर्थ Q2 FY26 के अंत तक लगभग ₹−82,000 करोड़ के आसपास नेगेटिव रिपोर्ट की गई है।
कंपनी ने आने वाले 3 सालों के लिए कुल ₹50,000–55,000 करोड़ के कैपेक्स प्लान की रूपरेखा बनाई है, जो 4G अपग्रेड, 5G रोलआउट और एंटरप्राइज सर्विसेस पर खर्च होना है। जून 2025 तक बैंकों का टर्म लोन घटाकर लगभग ₹1,930 करोड़ तक लाया गया है और कंपनी लगातार नए डेट/इक्विटी फंडिंग की कोशिश कर रही है, ताकि नेटवर्क और टेक्नोलॉजी में आवश्यक निवेश हो सके।
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Vodafone Idea पास्ट शेयर प्राइस परफॉर्मेंस
दिसंबर 2025 की शुरुआत में NSE पर Vodafone Idea का शेयर प्राइस करीब ₹10–11 के रेंज में ट्रेड कर रहा था और 05 दिसंबर 2025 को क्लोजिंग प्राइस लगभग ₹10.80 के आसपास रही। पिछले 1 साल में स्टॉक ने लो लेवल से मजबूत बाउंस दिखाया है और नवंबर 2025 के आसपास बने 52‑week हाई ₹11.08 को दिसंबर 2025 में ब्रेक करते हुए नया हाई बनाया, यानी लगभग 80–85% तक रैली देखने को मिली।
लॉन्ग टर्म हिस्ट्री देखें तो 2020–2021 के दौरान यह शेयर ₹4–₹12 के बीच कई बार वोलैटाइल रहा, जबकि 2023–2024 में भी स्टॉक ने अक्सर लो सिंगल डिजिट प्राइस (₹6–₹8 रेंज) और डबल डिजिट लेवल के बीच स्विंग किया है, जो हाई रिस्क–हाई वोलैटिलिटी प्रोफाइल को दिखाता है। कंपनी की फंडामेंटल कमजोरी और लगातार लॉस के बावजूद, हर फंड रेज़िंग न्यूज़, टैरिफ हाइक या AGR रिलिफ की उम्मीद पर शेयर में तेज़ स्पाइक्स आते रहे हैं।
Vodafone Idea Share Price Target 2026, 2027, 2028, 2029, 2030
नीचे दिए गए टारगेट केवल अनुमानित (अनऑफिशियल) हैं, जो पब्लिक डेटा, सेक्टर ट्रेंड और मौजूदा फाइनेंशियल कंडीशन को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं, किसी भी ब्रोकरेज की ऑफिशियल रिपोर्ट नहीं हैं। अलग‑अलग फाइनेंशियल ब्लॉग्स और एनालिसिस में 2027 तक ₹20–₹30 और 2030 तक ₹30–₹40 तक के संभावित लेवल की चर्चा मिलती है, लेकिन यह पूरी तरह कंपनी की एक्सीक्यूशन पर निर्भर रहेगा।
| Year | अनुमानित टारगेट रेंज (₹) |
|---|---|
| 2026 | 12 – 18 |
| 2027 | 18 – 28 |
| 2028 | 22 – 32 |
| 2029 | 26 – 35 |
| 2030 | 30 – 40 |
इन टारगेट्स को समझने के लिए यह मान लिया गया है कि अगले 3–5 साल में कंपनी को स्थिर रेवेन्यू ग्रोथ, ऑपरेटिंग लेवल पर पॉज़िटिव कैश फ्लो, सीमित डायल्यूशन के साथ फंड रेज़ और टैरिफ हाइक सपोर्ट मिल जाता है। अगर इन में से कोई भी बड़ा फैक्टर फेल होता है, तो रीयलाइज्ड प्राइस इन रेंज से काफी नीचे रह सकता है या फिर शेयर प्राइस में तेज गिरावट भी दिख सकती है।
मेन ग्रोथ फैक्टर्स
पहला बड़ा ग्रोथ ड्राइवर 4G/5G नेटवर्क एक्सपैंशन और ARPU में सुधार है, जहां कंपनी पहले ही ARPU को ₹166 से बढ़ाकर ₹180 पर ले आई है और आगे टैरिफ हाइक तथा हाई‑वैल्यू यूज़र बेस से और इम्प्रूवमेंट की संभावना है। दूसरा ड्राइवर एंटरप्राइज, क्लाउड और IoT/AI बेस्ड सर्विसेस में एग्रेसिव फोकस है, जहां कंपनी ने 5G और AI सॉल्यूशंस के साथ एंटरप्राइज बिज़नेस मजबूत करने की स्ट्रैटेजी बनाई है, जो हाई मार्जिन रेवेन्यू दे सकता है।
तीसरा फैक्टर पॉलिसी और रेग्युलेटरी सपोर्ट है, जिसमें AGR केस में सुप्रीम कोर्ट से सरकार को AGR डिमांड की री‑असेसमेंट की अनुमति मिलना, कंपनी के लिए पॉज़िटिव संकेत माना जा रहा है और इससे डेट रीस्ट्रक्चरिंग व फंड रेज़िंग आसान हो सकती है। चौथा, अगर सरकार और प्रमोटर ग्रुप (Vodafone Plc और Aditya Birla Group) लंबे समय तक सपोर्ट जारी रखते हैं और इक्विटी/कन्वर्टिबल इंस्ट्रूमेंट के ज़रिये कैपिटल इंफ्यूज़न करते हैं, तो कंपनी की बैलेंस शीट धीरे‑धीरे स्ट्रॉन्ग हो सकती है, जो शेयर प्राइस के लिए बड़ा री‑रेटिंग ट्रिगर बन सकता है।
डिस्क्लेमर
कंपनी पर बहुत ज़्यादा कर्ज़ और नेगेटिव नेट वर्थ सबसे बड़ा रिस्क है और अगर आने वाले सालों में रेवेन्यू व प्रॉफिटेबिलिटी उतनी तेज़ी से नहीं बढ़ी, तो डेट सर्विस करना मुश्किल हो सकता है, जिससे इक्विटी में डायल्यूशन या बिज़नेस पर स्ट्रक्चरल रिस्क बढ़ सकता है। साथ ही, टेलिकॉम सेक्टर में रिलायंस जियो और भारती एयरटेल की स्ट्रॉन्ग मार्केट पोज़िशन Vodafone Idea के लिए लगातार कॉम्पिटिटिव प्रेशर बनाए रखती है, जिससे मार्केट शेयर रिकवर करना आसान नहीं है
यह आर्टिकल केवल एजुकेशनल और इन्फॉर्मेशनल उद्देश्य से लिखा गया है, इसे किसी भी प्रकार की इन्वेस्टमेंट एडवाइस या स्टॉक खरीदने/बेचने की सिफारिश न समझें। शेयर बाज़ार में निवेश अपने रिसर्च, जोखिम क्षमता और फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह के आधार पर ही करें; Vodafone Idea में इन्वेस्टमेंट खास तौर पर हाई रिस्क कैटेगरी में आता है।



