Vedanta Limited ने हाल ही में घोषणा की है कि वह अपने मुख्य व्यवसाय को अलग-अलग पांच कंपनियों में डिमर्ज कर देगी। इसका सीधा फायदा कंपनी के शेयरहोल्डर्स को मिलेगा। मौजूदा हर Vedanta के शेयरधारक को अब चार अलग-अलग नई कंपनियों के शेयर 1:1 अनुपात में मिलेंगे। इस प्रक्रिया को लेकर मार्केट में काफी उत्साह देखा जा रहा है।
डीमर्जर से हर शेयर पर कितना मिलेगा फायदा?
Nuvama Research की रिपोर्ट के अनुसार, इस डिमर्जर के बाद निवेशकों को प्रति शेयर लगभग ₹84 की अतिरिक्त वैल्यू अनलॉक हो जाएगी। रिसर्च के अनुसार, अलग-अलग कंपनियों के वैल्यूएशन में इजाफा होगा, जिससे सेक्टर स्पेसिफिक ग्रोथ भी दिखाई देगी। Nuvama ने वेदांता का टारगेट प्राइस ₹686 फिक्स किया है, जो मौजूदा भाव से करीब 34% ज्यादा है।
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कौन-कौन सी कंपनियां बनेंगी डिमर्जर के बाद?
Vedanta की डिमर्जर योजना के अंतर्गत कंपनी निम्नलिखित चार नई कंपनियाँ बनाएगी—Vedanta Aluminium Metal Limited, Talwandi Sabo Power Limited, Malco Energy Limited, और Vedanta Iron and Steel Limited। Vedanta Limited खुद पांचवीं कंपनी के रूप में रह जाएगी और इसमें मुख्य रूप से जिंक एंड सिल्वर (Hindustan Zinc), नई बिजनेस यूनिट्स और अन्य मूल व्यवसाय शामिल रहेंगे। ये सभी नई कंपनियां NSE और BSE दोनों पर लिस्ट होंगी और हर Vedanta शेयरहोल्डर को इन चार नई कंपनियों में एक-एक शेयर मिलेगा।
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कब तक पूरी होगी डीमर्जर प्रक्रिया?
डिमर्जर की मंजूरी मिलना बाकि है, लेकिन नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) का ऑर्डर आने की संभावना दिसंबर 2025 तक जताई गई है। सेवा में डिविडेंड (20 रुपये/शेयर) का ऐलान भी जनवरी 2026 तक होने की उम्मीद है। कंपनी ने साफ कहा है कि ये प्रक्रिया वित्त वर्ष 2026 के अंत तक पूरी हो सकती है। इस तरह का कॉर्पोरेट एक्शन भारत में बहुत कम देखने को मिलता है, इसलिए निवेशक भी इस प्रक्रिया पर पैनी नजर रख रहे हैं।
डिमर्जर का इफेक्ट
रिसर्च रिपोर्ट्स और एनालिस्ट की मानें तो डिमर्जर के बाद Vedanta के अलग-अलग व्यवसायों—अल्युमिनियम, स्टील, पावर, ऑयल एंड गैस—को इंडस्ट्री एवरेज के हिसाब से और बेहतर मल्टीपल्स मिलेंगे, जिससे शेयर की फेयर वैल्यू में वृद्धि संभावित है। साथ ही, कंपनी का स्ट्रक्चर सरल होने से कर्ज में भी कमी आएगी और बिजनेस हाई ग्रोथ की दिशा में तेजी से आगे बढ़ पाएंगे।
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